आजकल कई महिलाएं निप्पल पियर्सिंग करवाती हैं। लेकिन निप्पल पियर्सिंग के बाद क्या ब्रेस्टफीड भी करवाया जा सकता है? आइए डॉक्टर से जानते हैं।

Disadvantages Of Breastfeeding With Nipple Piercing In Hindi: पियर्सिंग, हमेशा से ही लड़कियों के बीच काफी प्रचलित रही है। नाक और कान की पियर्सिंग, तो बहुत ही सामान्य है। लेकिन इन दिनों निप्पल पियर्सिंग का ट्रेंड भी खूब जोर-शोर से महिलाओं के लिए प्रचलित हो रहा है। लेकिन इस ट्रेंड के उभरने की वजह से यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या निप्पल पियर्सिंग वाली महिलाएं अपने शिशुओं को ब्रेस्ट फीड करवा सकती हैं? कहीं निप्पल पियर्सिंग की वजह से महिलाएं अंजाने में अपने शिशु को किसी तरह की बीमारी तो पहुंचा देगी? इसी तरह के कई और भी सवाल आपके दिमाग में होंगे। आज इस लेख में नई दिल्ली स्थित शांता फर्टिलिटी सेंटर की आईवीएफ विशेषज्ञ, डॉ. अनुभा सिंह से जानेंगे कि निप्पल पियर्सिंग करवाने के बाद ब्रेस्ट फीड कराने से बच्चे को किस तरह का नुकसान हो सकता है।

संक्रमण का खतरा
अगर निप्पल पियर्सिंग के दौरान महिला को संक्रमण हुआ था, तो ब्रेस्टफीडिंग करवाने के दौरान इसके संक्रमण के होने का रिस्क बढ़ जाता है। यही नहीं, अगर महिला को निप्पल पियर्सिंग की वजह से संक्रमण हो जाए, तो बच्चे को दूध नहीं पिलाया जा सकेगा। इससे बच्चा मां के दूध से वंचित रह जाएगा, जो कि उसे मानसिक और शारीरिक विकास को बाधित कर सकता है। इसके अलावा, निप्पल पियर्सिंग की वजह से अगर दोबारा संक्रमण हो जाए, तो ब्रेस्ट फीड के जरिए बच्चे को भी इस समस्या के होने का खतरा बढ़ सकता है।
दूध उत्पादन में समस्या
अगर निप्पल पियर्सिंग के कारण निप्पल में फोड़ा या घाव हुआ है, तो इससे दूध का उत्पादन बाधित हो सकता है। संभवतः ब्रेस्ट में मिल्क प्रोडक्शन सही मात्रा में हो राह है, लेकिन बच्चा दूध पी नहीं पा रहा है। ऐसा निप्पल के बिगड़े शेप की वजह से हो सकता है या फिर निप्पल चूसने में बच्चे को दिक्कत आ रही है। इस वजह से भी दूध का उत्पादक प्रभावित होता है। जाहिर है, अगर बच्चा दूध नहीं पी सकेगा, तो इससे बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
शिशु के गले में ज्वेलरी का अटकना
अगर महिला निप्पल पियर्सिंग के साथ ही अपने बच्चे को दूध पिलाती है, तो यह बहुत ही ज्यादा खतरना हो सकता है। असल में, निप्पल पियर्सिंग के बाद, जो ज्वेलरी पहनी जाती है, वह बहुत छोटी होती है। दूध पीन के दौरान अगर उस ज्वेलरी का पेंच ढीला हो जाए, तो उससे बच्चे के मुंह में चोट लग सकती है या वह बच्चे के गले में अटक सकता है। इससे बच्चा असहज होकर रोता रहेगा। इसके अलावा, अगर समय पर बच्चे के मुंहं से ज्वेलरी न निकाली जाए, तो उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। साथ ही अन्य स्थिति गंभीर समस्या का रूप भी ले सकती है।
निप्पल पियर्सिंग के साथ कैसे पिलाएं बच्चे को दूध
अगर आप उन महिलाओं में से हैं, जिन्होंने निप्पल पियर्सिंग करवा रखी है, तो बच्चे को ब्रेस्ट फीड करवाने से पहले कुछ जरूरी बातों पर अवश्य गौर करें, जैसे-
ज्वेलरी रिमूव करेंः जब भी बच्चे को दूध पिलाएं, तो पहले निप्पल से ज्वेलरी को रिमूव कर दें। ध्याना रखें कि छोटे बच्चे के मुंह में कोई भी ऐसी चीज नहीं जानी चाहिए, जो उसके लिए हानिकारक हो सकती है। जैसा कि पहले ही जिक्र किया गया है कि ज्वेलरी की वजह से बच्चे के मुंह में घाव हो सकता है और अन्य गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
निप्पल को साफ रखेंः आप जितनी बार निप्पल से ज्वेलरी को निकालेंगी, उतनी ही बार अपने निप्पल को अच्छी तरह वॉश कर लें। ऐसा करने से, बच्चे को संक्रमण होने का खतरा कम रहेगा। इसके अलावा, अगर निप्पल के आसपास किसी तरह स्राव हो रहा है या फिर पपड़ी बन गई है, तो उसकी क्लीनिंग अच्छी तरह करें। याद रखें, बच्चे के मुंह में ऐसी कोई चीज नहीं जानी चाहिए, जो उसके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
बैठने की पॉजिशन का ध्यान रखेंः निप्पल पियर्सिंग की वजह से निप्पल से दूध किसी भी दिशा में बह सकता है। इसलिए आपको सही पॉजिशन में बैठकर अपने बच्चे को दूध पिलाना चाहिए। ध्यान रहे, पियर्सिंग की वजह से दूध का फ्लो किसी भी दिशा में तेजी से हो सकता है। ऐसे में बच्चे को दूध पीते हुए दिक्कत न हो, इस बात का आपको विशेष ख्याल रखना है।