हर महिला चाहती है कि वह मां बने। इसके लिए फिजिकली-मेंटली फिट होना बहुत जरूरी है। तो क्या आप हैं शारीरिक रूप से मां बनने के लिए तैयार? आइए जानते हैं-

Know From Expert Are You Physically Fit For Pregnancy In Hindi: मां बनना हर महिला का सपना होता है। हमारे यहां, वैसे भी यह माना जाता है कि एक महिला मां बनने के बाद ही पूरी होती है। यही कारण है कि कोई भी महिला मां बनने के अहसास से वंचित नहीं रहना चाहती। लेकिन, हाल के सालों में हमने देखा है कि महिलाओं ने अपने करियर को काफी महत्व दिया है। इस कारण वे शादी देर से करती हैं, जिस वजह से मां बनने का यह सुख भी उन्हें देर से ही मिल पता है। विशेषज्ञों की मानें, हाल के वर्षों में महिलाओं के लिए कंसीव करना काफी मुश्किल हो गया है। इसके पीछे कई स्वास्थ्य, जीवनशैली और खराब खानपान से जुड़ी तमाम वजहें हो सकती हैं। तो क्या आप खुद को मानती हैं, प्रेग्नेंसी के लिए फिजिकली फिट? नई दिल्ली के मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर से डॉ. शोभा गुप्ता, चिकित्सा निदेशक स्त्री रोग विशेषज्ञ से जानिए, कैसे करें चेक।

माहवारी की नियमितता
अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो सबसे पहले यह चेक करें कि आपको पीरियड्स रेगुलर होते हैं या नहीं। अगर आपके पीरियड्स नियमित नहीं है, तो आपके लिए कंसीव करना मुश्किल हो सकता है। आमतौर पर पीरियड्स को सही ट्रीटमेंट की मदद से सही भी किया जा सकता है। लेकिन, कई बार यह पीरियड्स का इररेगुलर होना किसी अन्य बीमारी का लक्षण हो सकता है। आपको बताते चलें, पीरियड्स का साइकिल आमतौर पर 28 दिन से 35 दिन का होता है। जिन महिलाओं को इस बताई गई समायावधि के दौरान नियमित रूप से पीरियड होते हैं, उन्हें हेल्दी माना जाता है।
सामान्य वजन होना
कंसीव करने की चाह रखने वाली महिलाओं का वजन सामान्य होना चाहिए। आमतौर पर महिलाएं मानती हैं कि मोटापे की वजह से कंसीव करना मुश्किल होता है। लेकिन आपको बता दें, जिस तरह कंसीव करने में मोटापा एक समस्या है, उसी तरह अतिरिक्त पतलापन भी सही नहीं होता है। जो महिलाएं पतली होती हैं, उन्हें कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती है, जो उन्हें कंसीव करने से यानी गर्भधारण करने से रोक सकती हैं। इसलिए अपने वजन को अपने हाइट के अनुपात में सामान्य रखें।
पेल्विक इंफेक्शन
कंसीव करने से पहले आपको यह भी चेक करना चाहिए कि कहीं कभी आपको पेल्विक इंफेक्शन तो नहीं हुआ था। दरअसल कई गंभीर बीमारियां ऐसी होती हैं, जो बांझपन की वजह होती है। इसी तरह, पेल्विक इंफेक्शन भी महिलाओं को मां बनने रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है। अगर आप, फिलहाल पूरी तरह स्वस्थ हैं, तो बेहतर होगा कि कंसीव करने से पहले एक बार गाएनेकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
किसी तरह की दवाई लेना
अगर किसी भी तरह की दवाई ले रही हैं, जैसे डायबिटीज और थाईरॉएड, तो ऐसी स्थिति में आपके लिए कंसीव करना चैलेंजिंग हो सकता है। आपके आपके साथ ऐसा है और आप गर्भधारण करने की प्लानिंग कर रही हैं, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से संपर्क करें। उन्हें अपनी स्थिति बताएं। वे आपकी सिचुएशन के अनुसार आपका उपचार करेंगे या फिर जीवनशैली में कुछ बदलाव करने को कहेंगे, जिससे कंसीव करना आसान हो जाएगा।
उम्र सीमा
महिलाओं की सबसे फर्टाइल उम्र 20 से 30 के बीच मानी जाती है। आमतौर पर इस उम्र में महिलाएं शारीरिक रूप से फिट होती हैं, उन्हें किसी तरह की बीमारियां नहीं होती हैं और महावारी संबंधी समस्याएं भी कम देखने को मिलती हैं। ऐसे में इस उम्र की महिलाएं आसानी से गर्भवती हो सकती हैं। अगर किसी महिला की उम्र इससे ज्यादा है, तो उनकी फर्टिलिटी दर कम हो जाती है, जिससे कंसीव करना चुनौतीपूर्ण बन जाता है।
गर्भनिरोधक गोलियां
आजकल कई महिलाएं कम उम्र से ही गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने लगती हैं और इस बारें में 30 की उम्र के बाद खुलासा करती हैं। अगर आप भी ऐसी ही महिलाओं में शुमार हैं, तो बेहतर होगा कि एक-बार डॉक्टर से सम्पर्क जरूर करें, क्योंकि कई बार गर्भनिरोधक गोलियों की वजह से महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो जाती है और माँ बनने में मुश्किलें पैदा हो जाती हैं।
सही डाइट पैटर्न
कंसीव करने में सही खानपान का भी बहुत बड़ा योगदान होता है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व न लें, तो प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। आपको बताते चलें कि प्रेग्नेंसी का संबंध सिर्फ फोलोपियन ट्यूब से नहीं होता है, बल्कि इसका संबंध आपके पूरे स्वस्थ शरीर से होता है। इसलिए गर्भधारण करने की चाह रखने वाली महिलाओं को यह जांच लेना चाहिए कि उनकी डाइट में पोषक तत्व शामिल हैं या नहीं। पोषक तत्वों में हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल, मेवे, दूध होने चाहिए। ये सारी सब्जियां आपकी बॉडी को हेल्दी रखते हैं, जो कंसीव करने में मदद करते हैं। ये चीजें सिर्फ महिलाओं के लिए आवश्यक नहीं है, बल्कि पुरुषों के लिए भी लाभकारी है। इस तरह की हेल्दी डाइट से उनके शुक्राणु स्वस्थ रहेंगे, जिससे पिता बनने में उन्हें मदद मिलेगी।